Saturday, February 13, 2010

डूबना तेरे ख्यालों में भला लगता ..( दिवस पर प्रेम एक की ग़ज़ल.......)


डूबना तेरे ख्यालों में भला लगता है
तेरी यादों से बिछड़ना भी सजा लगता है

जो भी मिलता है सनम तुझ पे फ़िदा लगता है
तेरी सूरत में है पोशीदा खुदा लगता है

दिल में, धड़कन में, निगाहों में छुपा लगता है
मुझमें रहता है मगर कौन मेर लगता है

क्यों क़दम मेरे तेरी और खिंचे आते हैं
तेरे घर का कोई दरवाज़ा खुला लगता है

जब तेरा ख्वाब हो आबाद मेरी पलकों में
दिल भी धडके तो निगाहों को बुरा लगता है

लड़खड़ा जाएँ क़दम साँस भी हो बेकाबू
जब शहर में तेरे आने का पता लगता है

'किरण' खूब जहाँ में हैं ग़ज़ल गो लेकिन
तेरा अंदाज़ ज़माने से जुदा लगता है
**************
डॉ कविता 'किरण'



35 comments:

  1. बेहतरीन। लाजवाब।

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  2. बहुत सुन्दर और सटीक रचना लिखी है आपने!
    प्रेम दिवस की हार्दिक बधाई!

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  3. तेरे घर का दरवाजा खुला सा लगता है ....
    बहुत ही खूबसूरत शेर .. प्रेम के रंग में रंगी आई ग़ज़ल आज .... बहुत ही लाजवाब ग़ज़ल ...

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  4. वेलेंटाइन-डे पर बेहतरीन प्रस्तुति...वेलेंटाइन-डे की शुभकामनायें !!

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  5. हर रंग को आपने बहुत ही सुन्‍दर शब्‍दों में पिरोया है, बेहतरीन प्रस्‍तुति ।

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  6. sabhi achchhe lage khaskar ye sher-
    aankh angoori hui....

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  7. किरण जी इस ग़ज़ल के किसी एक शेर को लाख कोशिशों के बावजूद अलग से कोट नहीं कर पा रहा हूँ क्यूँ की इस ग़ज़ल के सारे शेर प्यार की चाशनी में लिपटे हुए हैं. और कमाल के कहे हैं आपने...बेहतरीन ग़ज़ल है और हर शेर बार बार पढ़ कर गुनगुनाने का जी चाहे ऐसा है ...दाद कबूल करें.
    नीरज

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  8. प्रेम ही सत्य और शास्वत है

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  9. कविता जी
    आपके ब्लॉग पर पहली बार आया हूँ |
    अपढ़ कर मजा आया ...................
    लडखडा जाएँ कदम साँस भी हो बेकाबू |
    जब शहर में तेरे आने का पता लगता है |
    बहुत खबसूरत गजल
    आभार .....................

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  10. बहुत बढ़िया और उम्‍दा गजल। बधाई।

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  11. लुट गई मेरी दुनिया तेरे ख्यालों में
    अब कोई उजड़े चमन का हिसाब कहां रखता है
    विमला भंडारी, सलूम्बर

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  12. shukria kavita,
    tumne mumbai kavi sammelan mein mujhe apni kitab jahan bhijvane ko di thi wahan pahunchane se pahele maine padh li,usme bhi sab gazalein umda lagin aur tumhare blog par bhi padh kar anand aaya.

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  13. hmmm..realy very good poem...
    if u get time do visit my blog.
    http://priyanka-colorsoflife.blogspot.com/

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  14. जब तेरा ख्वाब हो आबाद मेरी पलकों में
    दिल भी धड़के तो निगाहों को बुरा लगता है...

    कविता जी.....पूरी ग़ज़ल पर भारी है
    इस एक शेर की नाज़ुकी.

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  15. आज नीरज जी के ब्लॉग पर किताबों की दुनिया के नए अंक पर आपको पढ़ा और पढ़ कर दिल बाग बाग हो गया

    पता नहीं आपका ब्लॉग पढने से मैं कैसे चूक गया

    अब ब्लॉग फालो कर लिया है जल्द ही पुराणी पोस्ट पढ़ने आउंगा

    आपका वीनस केशरी

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  16. कविता जी ,पहली बार यहां आई हूं ,सोच रही हूं पहले क्यों नहीं आई
    बहुत अच्छी ग़ज़ल ख़ास तौर से

    डूबना तेरे.............
    और
    जब तेरा ख़्वाब...............

    ये दो शेर तो जान हैं ग़ज़ल की

    http://www.ismatzaidi.blogspot.com/

    कभी यहां भी वक़्त निकाल कर तशरीफ़ लाइए
    शुक्रिया

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  17. जब तेरा खाब हो आबाद मेरी पलकों में
    दिल भी धडके तो निगाहों को बुरा लगता है

    वाह-वा !!
    ऐसे दिल-फरेब शेर की
    तारीफ़ के लिए कुछ खूबसूरत लफ्ज़
    ढून्ढ पाने की फ़िराक में हूँ...
    फिलहाल यही कहता हूँ
    मुबारकबाद

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  18. जब तेरा ख्वाब हो आबाद मेरी पलकों में
    दिल भी धडके तो निगाहों को बुरा लगता है


    wah !! kya baat hein..

    kash yah Ghazal Jagjeet Ji ki aavaaj me sunne ko bhi mile !!

    Shukriya share karne ke liye.

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  19. BAHOOT KHOOB WALI BAAT HAI JI..
    KUNWARJI,

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  20. ताज़ातरीन भी है और बेहतरीन भी है!!
    आपकी ये गज़ल, वाक़ई हसीन भी है !
    बहुत बढ़िया और उम्‍दा गजल के लिए बधाई।
    सद्भावी-डॉ० डंडा लखनवी

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  21. जब तेरा खाब हो आबाद मेरी पलकों में ,
    दिल भी धड़ाके तो निगाहों को बुरा लगता है...

    इस शे'र की नजाकत को जीस तरह से संभाल के आपने सामने रखा है करोडो दाद इस कामयाबी के लिए...बहुत खूबसूरत अश'आर ... बधाई... आप गुडगाँव आयी थी ना कटिया पथ करने ..?


    आपका
    अर्श

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  22. kavita ji aapko mere blog me shamil kar liya hai, aap mujhe mere blog ke bare me koi sujhav ho to jarur dijiye mera email pata hai nabi.gulam86@gmail.com
    shukriya

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  23. bahot khub.aapko yaha milk k khushi hui.aapke bayan jazbatooko ko hub hu darsata he.meri bht subh kaamnaye.

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  24. aankh anngoori hui, hoth hue angare
    tune kano me koi sher kaha lagta hai

    achha sher hai kiran jee........

    waaaaaaaah

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  25. बेहतरीन प्रस्‍तुति ।

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  26. This comment has been removed by the author.

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  27. बहुत सुन्दर रचना लिखी है आपने!
    प्रेम दिवस की हार्दिक बधाई!

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  28. very nice composition kavita ji....... great...

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  29. Tera andaaz jamaane se juda lagta hai...
    Bilkul apki tarah bahut khoobsoorat....Congrats
    Atul

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  30. mam kya mai bhi aapki tarah dil ki bat juban par nahi la sakata kya...........?

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