Wednesday, September 29, 2010

कब तलक काबा ओ काशी जायेगा.....


कब तलक काबा काशी जायेगा
क्या कभी खुद की तरफ भी जायेगा?

हमसफ़र होगी फ़क़त नेकी_बदी
साथ में पंडित
ना काजी जायेगा

एक हद तक इम्तिहाँ देने के बाद
सब्र का प्याला छलक ही जायेगा

क्यों मसीहा की लगाये हो उम्मीद
है कोई ज़ख्म जो सी जायेगा

गम कर दम तोड़ते मेरे जिगर
दर्द के छूते ही तू जी जायेगा

इन् हरे पेड़ों से अमृत छीनकर
सोचते हो वो ज़हर पी जायेगा?
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डॉ कविता'किरण'



Wednesday, September 15, 2010

कविताकिरण -नेपाल -यात्रा (एक रिपोर्ट)



दिनांक 7,8 9 सितंबर 2010 को काठमांडू में त्रिदिवसीय संगोष्ठी का आयोजन नेपाल,काठमांडू स्थित भारतीय राजदूतावास एवं भारतीय सांस्कृतिक संबंध परिषद, नई दिल्ली के संयुक्त तत्वाधान में आयोजित किया गया. इस संगोष्ठी का शुभारंभ हास्य कवि सम्मेलन से होना था.इस हास्य कवि सम्मेलन में सम्मलित होने वाले कवियों में हास्य कवि सम्राट सर्वश्री सुरेंद्र शर्मा, महेंद्र शर्मा, अरुण जैमिनी, दीपक गुप्ता,कविता"किरण",विवेक गौतम और नेपाली कवि सर्वश्री लक्ष्मण गाम्नागे और शैलेंद्र सिंखडा थे.इस हास्य कवि सत्र का उद्घाटन नेपाली राष्ट्रपति महामहिम डॉ. श्री रामवरण यादव द्वारा दीप प्रज्ज्व्लित करके किया गया. इस उद्घाटन सत्र की अध्यक्षता कुलपति प्रग्या प्रतिष्ठान के श्री बैरागी काइंला द्वारा की गई.स्वागत उपकुलपति श्री गंगा प्रसाद उप्रेती द्वारा किया गया. इस अवसर पर आमंत्रित विशिष्ट अतिथियों में नेपाली शिक्षा मंत्री, संस्कृति मंत्री और भारतीय राजदूत श्री राकेश सूद थे जिन्होंने आशीर्वचन और अपने-अपने उद्बोधन भाषण दिए.नेपाली राष्ट्रपति ने केवल इस मैत्रीपूर्ण हास्य कवि सम्मेलन के लिए भारतीय राजदूतावास काठमांडू और भारतीय सांस्कृतिक संबंध परिषद, नई दिल्ली को बधाई दी बल्कि उन्होंने अपने मंत्रियों के साथ हास्य का लुत्फ भी लिया.

Saturday, September 4, 2010

(५ से १० सित।तक नेपाल-यात्रा पर रहूंगी. सभी मित्रों की शुभकामनाये और आशीर्वाद अपेक्षित है...)

दिनांक 6,7,8 सितम्बर2010 को नेपाल की राजधानी काठमांडू में आयोजित होनेवाले तीन
दिवसीय हिंदी समारोह में भाग लेने हेतु "भारतीय सांस्कृतिक सम्बन्ध परिषद्"( ICCR)
दिल्ली, की ओर से भेजे जानेवाले प्रतिनिधि मंडल में फालना,राजस्थान की
कवयत्री डॉ कविता"किरण" को भी शामिल किया गया है। (५ से १० सित।तक
नेपाल-यात्रा पर रहूंगी. सभी मित्रों की शुभकामनाये और आशीर्वाद अपेक्षित है...)

Wednesday, September 1, 2010

श्री कृष्ण जन्माष्टमी की हार्दिक शुभकामनाये



ओ साँवरिया!

कैसे काटूं ये कोरी कुआँरी उमरिया
ओ सांवरिया!
अब तो अधरों पे धर ले बनाके बाँसुरिया
ओ सांवरिया!

राह तकते नयन मेरे पथरा गये
आ गये सामने तुम तो घबरा गये

लाज के मारे मर ही न जाए गुजरिया
ओ साँवरिया!

बिन तेरे ब्रज की गलियाँ भी सूनी लगे
है जरा-सी मगर पीर दूनी लगे

फोडने आ जा पनघट पे छलके गगरिया
ओ साँवरिया!

रास संग गोपियों के रचाई नहीं
नींद कितने दिनों से चुराई नहीं

आ जा जमना किनारे पुकारे बावरिया
ओ साँवरिया!
कर दे बेसुध मोहे मुरली की तान से
जान चाहे चली जाए फिर जान से

आके ले ले ओ निर्मोही मोरी खबरिया
ओ साँवरिया!

बाग में पेड पर पक गये आम हैं
दूर मेरी नजर से मेरे ष्याम हैं

द्वार पे है लगी कब से प्यासी नजरिया
ओ सांवरिया!

जीत पाया नहीं जो हृदय श्याम का
राधिके! रूप तेरा ये किस काम का

मुँह चिढाए मोहे सूनी-सूनी सजरिया
ओ साँवरिया!

कैसे काटूं ये कोरी कुआँरी उमरिया
ओ साँवरिया!
अब तो अधरों पे धर ले बनाके

-कविता किरण