Monday, February 14, 2011

उनसे आँखों ही में होती है लड़ाई मेरी....




उनसे आँखों ही में होती है लड़ाई मेरी
थाम लेते हैं सनम जब भी कलाई मेरी

आईनों!शोख मिजाजी में हया के तेवर
मुझको तस्वीर नई तुमने दिखाई मेरी

इन्तेहाँ देखो शरारत की भरी महफ़िल में
उसने गा-गाके ग़ज़ल मुझको सुनाई मेरी

मैंने रो-रोके जुदाई में यहाँ जाँ दे दी
बेवफा याद भी तुझको नहीं आई मेरी

भरी बरसात में यूँ छोडके जानेवाले
तुझको भी खूब सताएगी जुदाई मेरी

मुझको सूरज ने उतारा है उजाले देकर
"किरण"आज ज़मीं पर हो बधाई मेरी
*****कविता 'किरण'******

Tuesday, February 1, 2011

दुबई-यात्रा 27 जन २०११....



With Shayer Dr. Peerzada Qasim ( The vice chancellor of Qarachi university,Pakistan) Dubai 27 jan २०११

भारतीय
दूतावास की और से 27 जन 2011 को गणतंत्र दिवस के शुभ अवसर पर "दुबई शौपिंग फेस्टिवल' दुबई, में आयोजित कवि सम्मलेन-मुशायरे में इस बार मैं भी काव्य-पाठ हेतु आमंत्रित की गयी थी....पाकिस्तानी शायर डॉ. पीरजादा कासिम एक अज़ीम शख्सीयत हैं उनके साथ काव्य-पाठ करना अपने आप में एक यादगार पल था..दुबई-यात्रा के कुछ और यादगार पल यहाँ जल्द ही सभी मित्रों के साथ बाँटना चाहूंगी ....बस उस ऐतिहासिक कार्यक्रम के कुछ चित्रों की प्रतीक्षा है ...:)))