Sunday, April 1, 2012

कलेजा मुंह को ए सरकार आया.......


कलेजा मुंह को ए सरकार आया
है मुट्ठी में दिले-बेज़ार आया

हुआ इस दौर में दुश्वार जीना
ये दिल सजदे में साँसे हार आया

मेरे इज़हार के बदले में या रब!
तेरी जानिब से बस इन्कार आया

ख़ता मैं हूँ ख़ुदा तू है मुआफी
तेरे दम से ही बेड़ा पार आया

जिन्हें परहेज था मेरे सुख़न से
उन्हें ही आज मुझ पर प्यार आया

"किरण" जो भी गया तुझको मिटाने
वो जानो-दिल तुझ ही पे वार आया
*******
कविता'किरण'